Anju Dixit

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लेखनी प्रतियोगिता -12-Mar-2022अनजान

     कभी थे जिनसे अनजान,

आज हो गए वो दिल के मेहमान,

सासों में बनके खुशबू बसे वो,
जब से हुई पहचान।

 सोए थे जो मुद्दत से,
जाग गए सारे अरमान।

 कुछ बने न बने हम,
पर बनना चाहते एक अच्छे इंसान

 तेरे बिन न जी पाएंगे,
दूर हुए तो बिछड़े गी यह जान।

बहुत भरोसा किया तुम पर,
न होना कभी तुम वे इमान।

उम्र बड़ी पर दिल मेरा,
आज भी मासूम नादान।

न सूझे कुछ तुझसे बिछड़कर,
दिल में उठे तूफान।

कैसे जीऊँगी मैं बाबरिया,
सोचकर दिल परेशान।

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8 Comments

Shrishti pandey

14-Mar-2022 12:11 AM

Nice one

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Seema Priyadarshini sahay

13-Mar-2022 06:08 PM

बहुत खूबसूरत

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Punam verma

13-Mar-2022 11:44 AM

Very nice

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